Tuesday, 21 February 2012

माझाच मी उरलो तसा
श्वासात प्राण उरतो जसा


आयुष्य एक साद घाली
जाती विरून रेशीम नाती
आसक्त मी उरलो तसा
कोषात गंध उरतो जसा


मी नव्हे कि चिंब तारे
मी नव्हे कि बिंब माझे
वाहून मी उरलो तसा
मातीत थेंब उरतो जसा


आनंद मी माझा जरासा
मीच माझा घाव जरासा
स्मरणात मी उरलो तसा
पाण्यात रंग उरतो जसा......

Saturday, 11 February 2012

रुदाद-ए-मोहब्बत दिल में
कभी आई ना आई 
बहार-ए-मदहोशी दिल में
कभी आई ना आई

दर्द पुराना कोई यार बना
हमसफ़र का सफ़र आज़ार बना
उल्फत-ए-कश्मकश जिग़र में
कभी आई ना आई

वो फ़रिश्ता-ए-धडकनों का 
था सितारा इसी नज़र का
पयाम-ए-मसर्रत जहाँ में
कभी आई ना आई

फिर आपकी कमी सताए
प्यासे नैनों में नमी सताए
परछाई सुकून सी ज़िन्दगी में 
कभी आई ना आई......