साँवरे कृष्ण मुरारी मन मोह लियो रे
मीरा प्रेम दिवानी हरि नाम गवायो रे
बाँधे पग में घूँगर चलत हरि की दासी
प्रेम निराला एसा जगत ना देखा कोई
रंगायो रंग में कान्हा रास रचायो रे
मीरा के प्रभू गिरिधर नंद मुरारी
नाम जपत प्रभूजी संसार बिसराई
सखी मगन एसो जोगन बनायो रे.....
मीरा प्रेम दिवानी हरि नाम गवायो रे
बाँधे पग में घूँगर चलत हरि की दासी
प्रेम निराला एसा जगत ना देखा कोई
रंगायो रंग में कान्हा रास रचायो रे
मीरा के प्रभू गिरिधर नंद मुरारी
नाम जपत प्रभूजी संसार बिसराई
सखी मगन एसो जोगन बनायो रे.....
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