Monday 17 October 2011

Your love has taught me Lotsss !!
Giving my heart bitter Blotsss !!


My Heart is fully blotted
My memories are Unsorted
Yet it finds your lovely Spotsss !!


I have your picture in my Mind
It makes my time to go Rewind
Missing you my blood get Clotssss !!
Hey baby, my baby
Please believe me
My Soul's longeth after thee
I am not what You see


Its just an illusion
Your thoughts had fusion
Entering some delusion
And,
My Soul's longeth after thee
I'm sure,
I am not what you see


OOOooohhhh !!!



My baby, lovely baby
Please believe me
My Soul's longeth after thee
I am not what You see


Show me what you got now !! (2)
Ooohhh Yeaahhh !!


I have a faded vision
Life has its own division
Needs no Your conclusion
Cause My Soul's longeth after thee
And I know,
I am not what You see



Oh baby, darling baby
Please believe me
My Soul's longeth after thee
I am not what You see......

Tuesday 11 October 2011

Love Love Love
Jolly of the World
Taking out the hidden Melancholy !!


Love Love Love
Seeping through my Blood
Time to freeze the picture very slowly !!


Love Love Love
Driving me insane
Keeping all the words in Serenity !!


Love Love Love
Blissful, simple name
Making drown my soul in Divinity !!


Love Love Love
Creeping on the Floor
Loosing all the vision to see clearly !!


Love Love Love
Getting more and more
So much more that I can see it Barely !!


Love Love Love
Wish I had a love
To make myself feel Wisely Healthy !!


Love Love Love
Getting on my Nerves
Pushing harder making me feel Crazy !!....

Saturday 24 September 2011

I don't know why ?
It happens with my life
My crazy Soul 
Makes a different cry


It takes your name
And trembles at your frame
Give up to try
May be its too shy


But would you be
Same as you are ?
If you promise me
Love is not so far


We'll dance on the moon
And climb all the stars
I'll keep you always happy
And gift you million Cars


Now you should know
How much I need you
Care me enough to say
Would you be my Wife ?


I don't know why ?
It happens all the time
My crazy Soul
Makes a different cry....



Wednesday 14 September 2011

There's pain inside my heart
There's a cry of falling apart


I wish you could stay
Forever & ever long
The time when we danced
And played our song


We've reached so far
Where all wants to be
You're my shinning star 
Now do you feel same for me ?


Nobody was best
Best as you are
And now I realize
Our world's apart


Ooooooohhhhhh !!!



There's pain inside my heart
There's a cry of falling apart.....


Somewhere in back of my mind
I still think about You
Sometimes when night falls along
I still dream about You

But let's face the truth
I'm all being felt so Ruth
And I want you to know
I wouldn't ever show 
I'm all done
It was all Golden
When you had me beside You

My heart says it all
My love's about to fall
And I'm screaming out
Can you hear a call ?

It was always about you
You've known how much I love you
And somewhere back in my mind
I still think about You......  

Saturday 2 July 2011

क्या इकरार हैं कौन इख्तियार हैं ?
बेक़रार इस दिल में कौन बेदार हैं ?

फज़र-ए-मोहब्बत का क्या गुमान हैं ?
साज़-ए-धडकनों में किसका पैगाम हैं ?
गए मुख्तलिफ कैफ़ियत में क्या खुमार हैं ? 

Saturday 25 June 2011

सपनो में मेरे कौन आ गया ?
नैनो के तले कौन शर्मा गया ?
नैनो के सिलवटों के निचे 
कौन सा ख्वाब खिल गया ?


ये किस ओर कैसे मुझे 
कोई उड़ा ले गया ?
किस नज़र से मेरे खयालो का 
सपना सजा दे गया ?


पुछे तो कोई नहीं हैं 
पुछे तो कोई नहीं हैं मगर


ए मेरे जान-ए-वफ़ा
कैसे तुम्हे बतलाए ?
किस शेहेर में अपना दिल
हम्दर्दे छोड़ आए ?


सलोनी आँखों से सपने 
मेरे कौन चुरा ले गया ? 

  

Saturday 18 June 2011

बिखरी सी हैं जिंदगी
खोई सी हैं सादगी
जिंदगानी के हर सफ़र में
हैरान बना हैं आदमी

जिंदगी की तर्ज़ सुहानी
फिर भी लगे दूर बेगानी
खुशियों के अनजान शेहेर में
बदनाम बना हैं आदमी

बेकरार बेइख्तियार कहानी
सर्घोषी में डूबी जवानी  
आहटों के सिलवटों में
तन्हासा बना हैं आदमी...... 

Thursday 9 June 2011

कभी इन हाथों में मेरा हाथ रहने दो 
लबो की अनकही कभी नज़रो से कहने दो 

उलझन हाल-ए-दिल की कैसे बतलाए ?
खलिश प्यार की दिल में किसको समझाए ?
सपनो से लगी दुनिया सपनो में बहने दो 

आप हमारे थे कभी हो गए जो पराए 
नाराज़ तन्हा जिंदगानी के लुफ्त कौन उठाए ?
मर ना जाए तन्हाई में दर्द वफ़ा का सहने दो....

Monday 6 June 2011

कही आसमान में दिखाई देगी 
हलकी हलकी बारिश की बूँदें 
बेगाने चमन में अपना बनाकर 
दिल दीवाना तुझे हैं ढूंडे

भली सावरी मुस्कान तुम्हारी 
परछाई मोहब्बत की दिल पे पड़े 
भरी दुनिया में तन्हा बनाया
हैं उसी बाज़ार-ए-उल्फत में खड़े 

वो गलियाँ अब दूर सुहानी 
लागे हैं मुझे कोई सपनो के परे 
नसीब हमारे कहा इतने खुशनुमा 
जान ये मेरी दिल-ए-गम में मरे....


Wednesday 1 June 2011

कैसी अज़ब प्यार की दास्ताँ हैं ?
करे तो दर्द-ए-दिल ना करे तो तन्हाई हैं 

बिछायी कलियाँ बहारोने तो हैं 
सजाई दुनिया नज़ारोने तो हैं 
मिले तो किस्मत ना मिले तो बरबादी हैं 

यूँ तो कई राह में मिल जाते हैं 
फूल हज़ार चाह के खिल जाते हैं 
समझे तो वफ़ा ना समझे तो बेवफ़ाई हैं 

गर्दिश में तमन्ना भटकी हुई हैं 
सीने में जलनसी भड़की हुई हैं 
देखे तो यारी ना देखे तो लढाई हैं 

हमने भी आपसे कभी प्यार किया हैं 
बेचारे इस दिल ने कभी इकरार किया हैं 
रखे तो मोहब्बत ना रखे तो जुदाई हैं........   
अफसुरदगी में वक़्त सजा हैं 
बेरंग लहू का रंग बना हैं 

लिखाई किस्मत ने ऐसी दास्ताँ
भड़के शोलो में बुझे रेहनुमा 
सफ़र दर सफ़र बेजान बना हैं 

दिल-ए-हमराज़ कौन था वो ?
तड़पता प्यासा आबशार में जो 
आफ़त में हमारी रुसवा बना हैं 

महबूब मेरे हमदर्द-ए-सनम
बेबाक हसीन हमदम-ए-नज़र 
रिझाया आँसू बेअक्स बना हैं......




वक़्त वक़्त की बात हैं 
चार पल का साथ हैं 
दिल लगाया जिस जहाँ में 
ना उधर दिन रहे ना रात हैं

खिले हसरतों के फूल जहा पर 
वही काँटे भी अज़ीज़ लगे हैं 
बेमौत बितायी ज़िन्दगी जहा पर 
लिखे बेमतलब लबो की बात हैं 

गुज़रा ज़माना खातिम बनाया 
ख़ुशी में कोई बरबाद हैं 
उभरे नज़र से हमे सजाया 
भीगी शब में सुलगी रात हैं.... 

कही आसमान में दिखाई देगी 
हलकी हलकी बारिश की बूंदे 
बेगाने चमन में अपना बनाकर 
दिल दीवाना तुझे है ढूंढे 

भली सावरी मुस्कान तुम्हारी 
परछाई मोहब्बत की दिल पे पड़े 
भरी दुनिया में तन्हा बनाया
है उसी बाज़ार-ए-उल्फत में खड़े 

वो गलियाँ अब दूर सुहानी 
लागे है मुझे कोई सपनों के परे 
नसीब हमारे कहा इतने खुशनुमा 
जान ये मेरी दिल-ए-गम में मरे......
ठुकराके दामन प्यार का 
चले तो ना जाईये 
आपको हमारी कसम 
ऐसे तो ना जाईये 

चंद घड़ियों की ज़िन्दगी 
प्यार से इसे सवारिये
हो अगर रुसवा किसी से 
तो फ़िर ना पुकारिये

रखे है मैफूज़ दिल तुम्हारा 
कभी आके प्यार जतायिये  
सिलनेदो होटों को होटों से 
एक मर्तबा कभी पास आयिये

सो गये कभी निंदिया में   
हलके से यूँ जगाईए 
खो जाए आपके नशे में कभी 
मीठे नज़र से सजयिए......




खामोशियों से भरी रातें, मिला ना कही चैन 
गूँजती हैं तेरी बातें, हैं बरसात में भीगी रैन 


ज़िंदगी तुझ बिन मोहे ना भाये 
मौसम बिताये पर तुम ना आये 
धुवाँ उठाये जलते जिया में 
हमसफ़र बेगाना बन जाए

प्यार की भाषा से अनजान थे हम 
बीते जहाँ में दिल-ए-हाल कुछ कम
सपनो के नगर में बसाके हमे 
रखे समाके पलकों के तले
मरके भी तेरी याद सताए  

कसम है तुम्हे मुझे छोड़ के ना जा 
हमदम हमराही उसी मोड़ पे मिल जा 
जहा पेहली बार तुम मिल गए 
सजाई मंज़िल मैंने सपनो के परे 
युही मदहोशी में दिन ना रुलाए  

तुमसे ना हमे कोई शिकवा ना गिला 
प्यार करके भी हमें कुछ भी ना मिला 
मिल गयी तो सिर्फ बेताबी बेबसी 
भटके जहाँ में मेरी रूह प्यासी 
एसे ही तनहा कही मौत जगाए....


जीया कोई कैसे संभाले 
छलते है किसी के बदनाम साये

आहटो में पली ज़िन्दगी    
दर्द अज़ीज़ होने लगे 
गुमनाम किसी वफ़ाओ से 
हम बेनकाब होने लगे 
टूटे टकराके साहिल पे लहरें 

ये समा किसी के दम से 
बन जाये बेहकता राज़ 
खुशिया किसी के गम से 
बन जाये धड़कता साज़ 
जलते हैं रातो में चाँद सितारे....



रात चलके आयी हैं 
सपनो की बारात लेकर  
मोहब्बत दिल पे छायी हैं 
नयी हसीन अंगडाई लेकर 

कोई चिराग जल उठा 
रोशन किया ज़माने को 
कही किसीने थाम लिया 
मीठी प्यास बुझाने को 
तुम जो आये फ़साना लेकर 

झुकी निगाहें कहे तुमसे 
कोई जुस्तजू किये जा 
तेरे नज़र से मेरे वफ़ा का 
कभी सजदा लिये जा 
आये हो जो कोई आरज़ू  लेकर 

रात भर जगे नैना 
खिलादे कोई गुल बहारा 
कटायी ना कटे रैना 
निहारे कही हुस्न किनारा 
जलते शोलो के अंगारे लेकर.... 

अनजाने से कोई प्यारे लगने लगे हैं 
दिल पे छाकर हमें तडपाने लगे हैं 

रुत हसीन छायी कैसी 
मिट गयी सारी तन्हाई 
आँखों में ख्वाब बुनने लगे हैं 

तस्वीर एकसी सजाई हमने 
खुशियों से भरी कजरारी पलके    
दिन मदहोशी में गुज़रने लगे हैं 

जो प्यार मिला आज यहाँ पर 
आबाद रहे सपने सजा  कर  
सुरमयी नैनो में पनपने लगे है 

मिल गये एसे कही   
झूम उठे दो दिल वही 
खुदाया किस कदर बेक़रार लगे है......
तेरी निगाहों से मिल गया सहारा
ए अजनबी तुम्हे भुला ना दे ज़माना

हैं दिल वही जो प्यार  समझे
सूनी आँखों में सपने कल के
टूट जाये आके होटों पर पैमाना

नशे में गम भुलाके जाम कही हैं छलके 
खामोश नज़रे बहे धारा मूँद के ये पलके 
थामे जिया उन्हें कही बन जाए ना बेगाना

वक़्त चलता हैं यूँ जैसे कोई हो निशाना 
बुझे शम्मो में भी जलते हैं परवाना 
ख्वाब सवारे कोई बनकर हसीन अफ़साना....  



Thursday 26 May 2011

गुंत्यातून सुटले मुक्त तिचे पाय 
ओल्या ओंझळीत मी टिपावे काय ?
लळा मजसी जणू मऊ दाट साय 
अशीच काही भोळी होती माझी माय..... 
मनी असे अपुरा पितृ जिव्हाळा 
जखमी काळजास साहिल्या कळा 
मजसी उरे ना मजवर ताबा 
दूरच्या देशी निघून गेले बाबा..... 

मना स्मरे मी पहिली भेट आपुली 
ही अशीच होती काही सांज सावळी
मना लागते तुझी ओढ पुन्हा सारखी 
मी वाट पाहे तुझी त्या गुलमोहरा तळी.... 

अजुनी चंद्रासी रात्र सावरे 
उरात चांदणे नभा मंडपी 
गूढ मनीचे रात आवरे
गाली हसुनी पहाट-रजनी.....  
पूर्व दिशी फुटले तांबडे 
देऊन हलकी जाग नयनी 
परसात केशरी उन सांडले 
घेऊन प्राजक्त सडा अंगणी....  
नकळत सारे आभाळ भरले 
चोही दाटला गडद रंग 
हलक्या पावलांनी थेंब उतरले 
क्षणा चेतुनी माती अंग....  
केसातून सांडला जाई गजरा 
ओठी तुझ्या तृप्त गात्र 
बहु दिसात लाभे मजला 
अशी रसिली मिलन रात्र.... 
रंगात रंगुनी रंगवेल रंग
नटखट कृष्ण मुरारी
रास मांडशी गवळणी संग 
यमुना काठी दुपारी.... 
पाऊल टाकीत इवली 
गेलास निघून चंचले 
विरहात चिंब भिजोनी 
मन अंतरात गंजले.....
सरले जीवन स्मरणात तुझ्या 
आता तरी येशील का ?
राख रांगोळी देहाची माझ्या 
करी उचलोनी घेशील का ?...
येईना अश्रू तुझिया डोळा 
म्हणून देवास लेणं मागतो 
मम सुखाची तुजला छाया 
तव दुःख मी पाझरतो.....
अजुनी श्वासात दरवळे गंध अत्तराचा 
लाजुनी झुके खाली तव देठ केवड्याचा 
ओठास केशरी रंग अजुनी त्या विड्याचा
मनी उमटे अजुनी तो सडा चांदण्यांचा...  
सहज बरसल्या अश्रुधारा 
गाली सुकले मीठ डोळा
मनी घुमतो आकांत एवढा 
मज भाळी जळता सोहळा....
मना छेडीसी नाव कुणाचे ?
ते तर निव्वळ थेंब दवाचे 
पडता तयासी उन दाहले 
उरते केवळ डाग नव्याने....
गर्द फुलोरा उमलला छान 
कोणी ऐसा मयूर शान ?
काल ऐकोनी तयाचे गान 
करी झेलले पिंपळ पान....  

Wednesday 25 May 2011

ऋतू कोवळे संचिताचे 
फुल नाचते बाग बहरे
वसंत मनी झुलवी झुले
परि का प्रेमास वंचित असे ?  
पुन्हा जाहली संद्याकाळ 
निळे, गर्द, मुक्त, आभाळ 
तो हळवा, गोल, गोड, कोवळा 
मजसी भासे जणू मेघ सावळा....
कोणास घाली साद चिमणा ?
तो दूर लोटुनी निघोनी गेला 
आत पेटवे याद वणवा 
दावूनी अंगी चंदनी शेला....   
औदास्य मना तुज कोण सावरे ?
ग्लानी डोळा ढळे अश्रू नाचरे 
रोमांच पर्व तुज मन बावरे 
साचे ह्रिदयी तव दुःख ना आवरे.... 
नभ चिंब परि देह कोरडा 
असंख्य अनावर उरी वेदना 
जगास पाही कोण ऐसा ?
मज सारखा प्रेम-दिवाणा.... 
वेचिले जीवन ज्याच्या आठवणीत 
तो क्षण जळाला होऊनी सांजदीप 
देह-राख उरे सुखाच्या सावलीत 
परि ओठी आले त्याचे जीवनगीत.... 
जाता जाता काही लिहून जावे 
जाता जाता काही देऊन जावे 
डोळा साचणाऱ्या अश्रुंसामावेत 
मग अपुरे चांदणे न्हाहून जावे.... 
प्रेम-स्पर्श गोड जयाचा
आसमंत गंध जयाचा
खुद्द बहरला कुंज जयाचा
मन-मोगरा जळे  तयाचा.... 

लागले ग्रहण का प्रेमास ?
जाहले वेडे तुझे आभास 
कुरावळशील  का त्या मनास ?
सोडून जाता मी या जगास.....

प्रीत माझी फुलते ज्यासी 
झाले त्याला मी नकोशी 

प्रीतीचा हा सरता रंग
तव प्रेमाचा अपुरा संग 
बाळगे जखमा मी उराशी

तुज सांगू  कसे मना रे ?
आत मनाच्या पेटती निखारे 
देह पाही जाळू मरणासी 

मना रेखिले चित्र देखणे 
तुज जीवनाला अमृत प्याले 
सोशीत नाहक थेंब विषारी 

झाले त्याला मी नकोशी....
रम्य सांजवेळी मज बाहूत एक प्याला
होवुनी तयास ठिपका मम चांदवा जाळला

गोंजारलेल्या त्या हळुवार गोड क्षणांना
अजुनी भासे स्पर्श मम गंधही तयाचा

कसे भुलवावे त्या मंद आसवांना ?
जखमा उरातल्या कोणास त्या कळाव्या ?  

अपुरे राहिले स्वप्न माझे, अपुर्या माझ्या भावना 
अशा रम्य सांजवेळी मज बाहूत एक प्याला.....

माझीच एकटी मी असते कधी कधी
माझीच एकटी मी हसते कधी कधी

सोडून जाता घरटे मन राहणार मागे
सरत्या आठवणींचा बाग जळणार मागे
आरश्यास बिंब माझे नसते कधी कधी

 रेखीव चित्रे मम डोळा साचले मागे 
कोमेजला गुलाब तव काटे मज रुते 
विझला चांदवा तारे रुसते कधी कधी 

स्पर्शाने खुलला जो गंध उरे आता मागे
मज रेशमाचे बंध तुटती आत धागे 
मनी गोड आठवा फसते कधी कधी 

माझीच एकटी मी असते कधी कधी......

जीवनात असावे टिपूर चांदणे 
नको नुसती छाया
प्रेम-धागे पक्के बांधणे
नको नुसती माया

जीवनात असावे टिपूर चांदणे
नको नुसते गाणे
गाण्याला तरल भाव असावा
नको व्यर्थ तराणे

जीवनात असावे टिपूर चांदणे
असाव्या जळत्या वाती 
प्रेम तयावर खूप करावे 
नको पोकळ नाती.....
नकळत सारे घडले 

कधी बहरले, कधी रुजविले 
स्वप्नांचे वाटे, नकळत सारे घडले

कधी न कळले,कधी उमगले 
नयनी माझ्या मेघ दाटले 
नकळत सारे घडले 

कधी न कळले, कधी तुटले 
आशेचे मम टिपूर तारे
नकळत सारे घडले

कधी न कळले, कधी कातरले
मम सुखाचे रेशीम धागे
नकळतच सारे घडले....

मीरेचे मुके व्रत कान्ह्याशी बोलते 
निःशब्दाचे वेड तिचे कान्ह्यालाच कळते 

कान्ह्याचे स्वप्न आशेने फुलते 
कान्ह्याचे सत्य मीरेला वेडावते 

मीरेचे दुःख कान्ह्याला रडवते 
मीरेपाशी बोलताना कान्ह्याला दुःखावते

कान्ह्याचे सूर मीरेला हसवते 
मीरेचे गाणे कान्ह्याला बोलावते 

कान्ह्याची कहाणी मीरेला रुसवते 
मीरेची भावना अश्रूतून ओघळते....

गावामधून वळून जरा 
वाट निघाली तरा तरा

निघे कशी भर भर 
गावाबाहेर आल्यावर 

तशीच निघाली सर सर 
येऊन थांबली नदीवर 

पाण्यामध्ये टाकला पाय 
पुढे काय ? पुढे काय ?

वाट म्हणाली " त्यात काय ?"
पुढच्या काठावर उमटले पाय...


मन खुळे मन चिंब 
मन आरश्याचे बिंब 

डोळ्यांमध्ये रंगवते 
स्वप्न काही जागवते 

मनामध्ये धुंदावते 
श्वासामध्ये गांधावते 

एकदाच आभाळाला
माती बोलावते....
कधी वाटते क्षितिजावर जावे
मेघांच्या जोडीने शांत बरसावे 

कधी वाटते खालती यावे 
जल्बिन्दुन्सोबत मातीत रुजावे 

कधी वाटते हवेत तरंगावे 
वार्यासारखे बेभान व्हावे 

कधी वाटते सूर्य व्हावे 
सर्वांना सहस्त्र जीवन द्यावे

कधी वाटते आकाश व्हावे
पृथ्वीभोवती अथांग पसरावे

कधी वाटते पक्षी व्हावे
खुल्या आभाळात भिरक्या घ्यावे

अन, 
कधी वाटते माणूस व्हावे
वेड्या मनावर प्रेम करावे....
बसलो असता मी बागेत 
आला होता क्षुब्द वात...

उडवून नेले सर्व पाचोळा
येऊन हाय शुद्र वारा... 

दिले भिरकावून कुणीकडे ?
कोणास ठावूक कोठे नेले ?

दूर लांब कोठेतरी
जात जेथे कोणी नाही...

जेथे गडद काळोख
नाही कुणाची ओळख...

अश्या ठिकाणी तो पाचोळा
दूर एकदा पडला असता...

जीर्ण झाला, विरून गेला 
मातीमोल झाला, नवे आयुष्य जगाया...



जोडून व्यर्थ नाती बेचैन श्वास झाला 
येता क्षणैक डोळा तो थेंब  आसवाचा...

जाणीव ती जळाली होवून सांजवाती 
आभास बोचले ते येवून चांदराती...

ओसाड माळरानी कोठून गंध आला?
गंधात गुंतताना कोणी निघून गेला...

का एकले पणाची हुरहूर काळजाला?
जोडून व्यर्थ नाती बेचैन श्वास झाला...