आरजू हैं के दर्द-ए-आशियाँ में तुम आओगे
तुम हमें इस मोड़ पे हैरान से कुछ पाओगे
हैं तुम्हारी तमन्ना लिए जिंदा यहाँ
जाना कहा किसको ख़बर, कहा जाओगे ?
माना वक़्त से पहले नहीं मानता यें दिल
मगर किसे समझाए हमारा हाल-ए-मुश्किल ?
ज़िन्दगी ने दिया बड़ा धोखा हमे
किस कदर फिरती रहूँ दीवानगी लिये ?
दर्द से रिश्ता हमारा बहोत पुराना
लेकिन रास नहीं आता तुमको गँवाना
सोचा कभी यूँही चुपके से तुम आओगे
बस एक मर्तबा ख़ुशी मुक़म्मल ज़िन्दगी में लाओगे....
तुम हमें इस मोड़ पे हैरान से कुछ पाओगे
हैं तुम्हारी तमन्ना लिए जिंदा यहाँ
जाना कहा किसको ख़बर, कहा जाओगे ?
माना वक़्त से पहले नहीं मानता यें दिल
मगर किसे समझाए हमारा हाल-ए-मुश्किल ?
ज़िन्दगी ने दिया बड़ा धोखा हमे
किस कदर फिरती रहूँ दीवानगी लिये ?
दर्द से रिश्ता हमारा बहोत पुराना
लेकिन रास नहीं आता तुमको गँवाना
सोचा कभी यूँही चुपके से तुम आओगे
बस एक मर्तबा ख़ुशी मुक़म्मल ज़िन्दगी में लाओगे....