Sunday, 29 September 2013

आज पाऊस हिरवा, प्रिये प्रेमाचा बरवा 
नभ उतरोनी आले संगे घेओनि गारवा

आज पाऊस हिरवा, प्रिये प्रेमाचा बरवा 
पाना-पाना-फुलांवरी बरसे थेंब नाचरा 

आज पाऊस हिरवा, प्रिये प्रेमाचा बरवा 
मना-मनातल्या तारा छेडी राग मारवा 

आज पाऊस हिरवा, प्रिये प्रेमाचा बरवा 
तुझ्या-माझ्या ओंजळीत आज प्रीतीचा चांदवा 

आज पाऊस हिरवा, प्रिये प्रेमाचा बरवा 
नसा-नसात भिनला तव श्वासाचा गोडवा 

आज पाऊस हिरवा, प्रिये प्रेमाचा बरवा 
अंग अंग चेतवूनी लाभे भाव कोवळा 

आज पाऊस हिरवा, प्रिये प्रेमाचा बरवा 
तुझ्या-माझ्या पापणीत रंगे स्वप्नांचा सोहळा...

Sunday, 1 September 2013

गहिरं प्रेम, गहिरा रंग
गहिर्या प्रीतीचा गहिरा छंद

गहिरं नातं, गहिरा हर्ष 
गहिर्या भावाचा हळुवार स्पर्श 

गहिरी वाट, गहिरा काळोख
स्मृतीत दाटणारी गहिरी ओळख

गहिरा मेघ, गहिरा चंद्र
अश्रूतून झिरपणारा गहिरा क्रंद

गहिरे आभाळ, गहिरे पाणी
गहिर्या मनाची गहिरी कहाणी

गहिरा पाऊस, गहिरी वीज
पावसात जळणारा तो एकटा मीच… 





Monday, 19 August 2013

जन्म कवितेचा, जन्म भावनेचा 
रंगात रंगणारा जैसा मास श्रावणाचा 

जन्म कवितेचा, जन्म भावनेचा 
गंधात गुंफणारा जैसा मार्ग भ्रमराचा 

जन्म कवितेचा, जन्म भावनेचा 
निःशब्द लाभणारा जैसा स्पर्श सावलीचा 

जन्म कवितेचा, जन्म भावनेचा 
स्वरात रमणारा जैसा नाद पर्णांचा 

जन्म कवितेचा, जन्म भावनेचा 
रात्रीस भिजणारा जैसा चंद्र चांदण्यांचा 

जन्म कवितेचा, जन्म भावनेचा 
रक्तात भिनणारा जैसा स्वाद केशराचा 

जन्म कवितेचा, जन्म भावनेचा 
श्वासात रुजणारा जैसा गंध केवड्याचा 

जन्म कवितेचा, जन्म भावनेचा 
एकाकी थांबणारा जैसा थेंब आसवाचा 

जन्म कवितेचा, जन्म भावनेचा 
ह्रदयात गंजणारा जैसा भाव प्रियकाचा 

अन् 

जन्म कवितेचा, जन्म भावनेचा 
स्मरणात गुंगणारा जैसा क्रंद माणसाचा  


Wednesday, 14 August 2013

असेन मी नसेन मी 
परि असेल माझे गीत सारे 
काळजाच्या अंतरंगी 
तव स्मृतींचे शब्द किनारे 

जे सरले आता पडले मागे 
उरले तयात मी न माझे 
शब्द शब्द परि वेचणारे 
अखेर सोबतीस गीत माझे 

गीत म्हणो वा काव्य तयाला 
ओठी जयातून शब्द निघाला 
शब्दाने शब्द कधी पेटलेले 
हे असेच सोबती कधी भेटलेले… 

Sunday, 20 January 2013

सूखी हुई शाखों में कही 
दिल-ए-एहसास देता हैं कोई 
तन्हा मंजिल, सफ़र भी तन्हा 
याद तेरी लाता हैं कोई 

जब कभी किसी की आहट हुई 
दिल में खलिश सी बढ़ने लगी 
ज़िन्दगी रंज-ओ-महफ़िल तो नहीं 
मगर तन्हा में शम्मे जलते हैं कभीं 

लफ्ज़ के फासले लाबोसे कहीं 
धडकनों की ख्वाहिशे दिलो में नहीं 
दर्द के सिलसिले युहीं बिताये 
रोते हैं अक्स भी आइनों में कभीं.....

Saturday, 24 November 2012

आरजू हैं के दर्द-ए-आशियाँ में तुम आओगे 
तुम हमें इस मोड़ पे हैरान से कुछ पाओगे 

हैं तुम्हारी तमन्ना लिए जिंदा यहाँ 
जाना कहा किसको ख़बर, कहा जाओगे ?

माना वक़्त से पहले नहीं मानता यें दिल 
मगर किसे समझाए हमारा हाल-ए-मुश्किल ?

ज़िन्दगी ने दिया बड़ा धोखा हमे 
किस कदर फिरती रहूँ दीवानगी लिये ?

दर्द से रिश्ता हमारा बहोत पुराना 
लेकिन रास नहीं आता तुमको गँवाना 

सोचा कभी यूँही चुपके से तुम आओगे 
बस एक मर्तबा ख़ुशी मुक़म्मल ज़िन्दगी में लाओगे.... 

Saturday, 3 November 2012

रेहता हैं कोई इस दिल की चुभन में 
हैं उसे ढूंडते ज़िन्दगी के चमन में 

दास्ताँ-ए-उल्फ़त कभी आई ना आई 
आई नहीं मौत मगर दुनिया में 

तनहा रेहती हैं दिल की जुबान 
गूँजता हैं नाम लेकिन अश्कों में 

सुनी पड़ी हैं राहों की गलियाँ 
सुलगते हैं अरमानों से यादों में .....