Wednesday 1 June 2011

अनजाने से कोई प्यारे लगने लगे हैं 
दिल पे छाकर हमें तडपाने लगे हैं 

रुत हसीन छायी कैसी 
मिट गयी सारी तन्हाई 
आँखों में ख्वाब बुनने लगे हैं 

तस्वीर एकसी सजाई हमने 
खुशियों से भरी कजरारी पलके    
दिन मदहोशी में गुज़रने लगे हैं 

जो प्यार मिला आज यहाँ पर 
आबाद रहे सपने सजा  कर  
सुरमयी नैनो में पनपने लगे है 

मिल गये एसे कही   
झूम उठे दो दिल वही 
खुदाया किस कदर बेक़रार लगे है......

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