कभी इन हाथों में मेरा हाथ रहने दो
लबो की अनकही कभी नज़रो से कहने दो
उलझन हाल-ए-दिल की कैसे बतलाए ?
खलिश प्यार की दिल में किसको समझाए ?
सपनो से लगी दुनिया सपनो में बहने दो
आप हमारे थे कभी हो गए जो पराए
नाराज़ तन्हा जिंदगानी के लुफ्त कौन उठाए ?
मर ना जाए तन्हाई में दर्द वफ़ा का सहने दो....
I can really connect with this one!!! :)
ReplyDeleteNice one!
Thnk U !!! :)
ReplyDelete