बिखरी सी हैं जिंदगी
खोई सी हैं सादगी
जिंदगानी के हर सफ़र में
हैरान बना हैं आदमी
जिंदगी की तर्ज़ सुहानी
फिर भी लगे दूर बेगानी
खुशियों के अनजान शेहेर में
बदनाम बना हैं आदमी
बेकरार बेइख्तियार कहानी
सर्घोषी में डूबी जवानी
आहटों के सिलवटों में
तन्हासा बना हैं आदमी......
No comments:
Post a Comment