कैसी अज़ब प्यार की दास्ताँ हैं ?
करे तो दर्द-ए-दिल ना करे तो तन्हाई हैं
बिछायी कलियाँ बहारोने तो हैं
सजाई दुनिया नज़ारोने तो हैं
मिले तो किस्मत ना मिले तो बरबादी हैं
यूँ तो कई राह में मिल जाते हैं
फूल हज़ार चाह के खिल जाते हैं
समझे तो वफ़ा ना समझे तो बेवफ़ाई हैं
गर्दिश में तमन्ना भटकी हुई हैं
सीने में जलनसी भड़की हुई हैं
देखे तो यारी ना देखे तो लढाई हैं
हमने भी आपसे कभी प्यार किया हैं
बेचारे इस दिल ने कभी इकरार किया हैं
रखे तो मोहब्बत ना रखे तो जुदाई हैं........
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