रात चलके आयी हैं
सपनो की बारात लेकर
मोहब्बत दिल पे छायी हैं
नयी हसीन अंगडाई लेकर
कोई चिराग जल उठा
रोशन किया ज़माने को
कही किसीने थाम लिया
मीठी प्यास बुझाने को
तुम जो आये फ़साना लेकर
झुकी निगाहें कहे तुमसे
कोई जुस्तजू किये जा
तेरे नज़र से मेरे वफ़ा का
कभी सजदा लिये जा
आये हो जो कोई आरज़ू लेकर
रात भर जगे नैना
खिलादे कोई गुल बहारा
कटायी ना कटे रैना
निहारे कही हुस्न किनारा
जलते शोलो के अंगारे लेकर....
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