Wednesday 1 June 2011

रात चलके आयी हैं 
सपनो की बारात लेकर  
मोहब्बत दिल पे छायी हैं 
नयी हसीन अंगडाई लेकर 

कोई चिराग जल उठा 
रोशन किया ज़माने को 
कही किसीने थाम लिया 
मीठी प्यास बुझाने को 
तुम जो आये फ़साना लेकर 

झुकी निगाहें कहे तुमसे 
कोई जुस्तजू किये जा 
तेरे नज़र से मेरे वफ़ा का 
कभी सजदा लिये जा 
आये हो जो कोई आरज़ू  लेकर 

रात भर जगे नैना 
खिलादे कोई गुल बहारा 
कटायी ना कटे रैना 
निहारे कही हुस्न किनारा 
जलते शोलो के अंगारे लेकर.... 

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